कैसे जी मचलाना कण्ट्रोल करें (control nausea, ji machlana, vaman, ulti ke upay)



जब हम कुछ भी खाते हैं तो खाना मुँह से पाचन नली (gastrointestinal tract) के द्वारा पेट की तरफ जाता है। इस समय खाना को पेट में अंदर धकेलने के लिए पाचन नली में ऊपर से नीचे की तरफ एक विशेष प्रकार के मूवमेंट होते हैं जिन्हे पेरिस्टेल्टिक मूवमेंट (peristaltic movement) कहते हैं। जब कभी किसी कारण से ये मूवमेंट उल्टे अर्थात नीचे से ऊपर की तरफ होने लगते हैं, तो हमें मितली या जी मचलाना (nausea) महसूस होता है। इसके कई कारण हो सकते हैं, जैसे शरीर में पानी की कमी, एसिडिटी, बदहजमी, गर्भावस्था, हैंगओवर, माईग्रेन या फिर कभी कभी अत्यधिक थकान के कारण भी जी मचलाना शुरू हो जाता है। आइये जानते हैं कुछ घरेलू नुस्खे (gharelu nuskhe)...

गहरी श्वास लें (take deep breath, gahri saans le)


अगर आप कहीं बाहर हैं और अचानक आपको मितली महसूस होने लगे तो गहरी-गहरी साँसें लेना शुरू कर दें, ऐसा कम से कम अगले 5 मिनिट तक करें। ऐसा करने से आप अच्छा महसूस करेंगे और अगर थकान की वजह से जी मचला रहा है तो उसमें आराम मिलेगा। खासतौर पर गर्भावस्था में होने वाली मितली में यह उपाय बहुत कारगर है।

ठण्डा पानी पियें (drink cold water, thanda pani piye)



जैसा ऊपर बताया गया है, की जब पेरिस्टेल्टिक मूवमेंट उल्टे अर्थात नीचे से ऊपर की ओर चलने लगते हैं तब मितली महसूस होती है; इसलिए इससे छुटकारा पाने का सबसे आसान तरीका है की आपके मूवमेंट फिर से नॉर्मल (ऊपर से नीचे की तरफ) हो। इसके लिए सबसे अच्छा तरीका है कि आप पहले गहरी साँस लेकर मूवमेंट को नीचे की तरफ होने के लिए प्रेरित करें और फिर घूँट घूँट कर ठंडा पानी पियें (पानी बहुत ज्यादा ठंडा न हो)। इससे न सिर्फ आपके मूवमेंट नॉर्मल होने में मदद मिलेगी बल्कि ठंडा पानी आपको सायकोलोजिकली भी रिलीफ देगा। साथ ही अगर आपके शरीर में पानी की कमी है तो वो भी पूरी होगी।



नीम्बू पानी पियें (drink lemon juice, nimbu pani piye)



नीम्बू पानी मितली से राहत पाने के लिए सबसे बेस्ट होम रेमेडी है। इसलिए जब भी आपको जी मचलाने जैसा महसूस हो, एक गिलास नीम्बू पानी (खट्टा या मीठा, जो भी आपको पसंद हो) पियें। नीम्बू में पाया जाने वाला पौटेशियम शरीर में इलेक्ट्रोलाइट बैलेंस करता है, जो पानी की कमी से होने वाली मितली में बहुत प्रभावकारी है। हैंगओवर के कारण होने वाले सरदर्द और मितली में भी यह राहत देता है।


बेकिंग सोडा का प्रयोग (use baking soda, baking soda ka prayog)


बेकिंग सोडा एक नेचुरल एंटासिड है जो पेट में अंदर जाकर प्राकृतिक रूप से एसिड न्यूट्रीलाइजर का काम करता है। इसका सेवन करने के लिए एक गिलास गुनगुने पानी में एक चम्मच बेकिंग सोडा मिलाएं। इसे पानी में अच्छे से घोलें और फिर पी जायें। इसे दिन में कम से कम 2 बार पियें। एसिडिटी के कारण होने वाली मितली में यह उपाय बहुत कारगर है।


एप्पल साइडर विनेगर का प्रयोग (use apple cider vinegar)



बेकिंग सोडा की ही तरह विनेगर और खासतौर पर एप्पल साइडर विनेगर भी जी मचलाने से राहत देता है। हैंगओवर, गर्भावस्था और एसिडिटी के कारण होने वाली मितली में इसका सेवन लाभकारी है। इसे पीने के लिए एक गिलास हल्के गुनगुने पानी में 2 से 3 चम्मच विनेगर मिलायें और इसे धीरे धीरे पियें। साधारण विनेगर से अलग एप्पल साइडर विनेगर मतली पर ख़ास असर करता है | वह आपके पेट में मोजूद अवांछित पोषक तत्वों का संयोजन करके मतली को ठीक करता है | एक गिलास गरम पानी में इसके 2-3 बड़ी चम्मच मिला कर पीयें | इस पेय को तब तक पीयें जब तक मतली चली न जाये |


पुदीना के पत्ते की चाय पियें (drink pepperment tea, pudina ki chai)



पुदीना की अकेली खुशबू ही आपको सायकोलॉजिकली रिलीफ देने के लिए काफी है। हरे पुदीने की कुछ पत्तियाँ पानी में थोड़ी देर उबालें और फिर इसे चाय की तरह घूँट घूँट कर पियें। इसमें स्वाद जोड़ने के लिए आप इसमें थोड़ी मिश्री डाल सकते/ती हैं। अगर आप चाहें तो इसमें कुछ बूँदें नीम्बू के रस की भी डाल सकते हैं। यह चाय मितली और उसके कारण होने वाले खराब मन को ठीक  करने में बहुत लाभकारी है। अगर पुदीने की ताज़ी पत्ती उपलब्ध न हों तो बाजार में उपलब्ध पुदीना फ्लेवर की ग्रीन टी भी उपयोग में ला सकते हैं, लेकिन ताज़ी पत्तियाँ सर्वेश्रेष्ठ हैं।


आखिर में... 


अगर आपका बहुत अधिक जी मचला रहा है और उसकी वजह से आपका मन बहुत ज्यादा खराब हो रहा है, तो इसे वेवजह नियंत्रित न करें और गले में ऊँगली डाल, उसे उत्प्रेरित कर उल्टी कर दें। इससे आपको अच्छा महसूस होगा। लेकिन अगर आप गर्भवती हैं और सामान्य से अधिक उल्टियाँ हो रहीं हैं तो इन्हे अन्यथा न लें और तुरंत इन्हे रोकने की व्यवस्था करें।

Image courtesy: SourceSource

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